dayra

Saturday, 27 August 2011

आधार ..."THE ROOT OF MY COUNTRY"



सोने  के  कटोरे  में  रखा    कोहिनूर  है  गाँव ;
फलो  की  टोकरी  में  रखा  अंगूर  है  गाँव ;

आजाद  खयालो  वाला  लंगूर  है  गाँव ;
मजबूत   इरादों  वाला  मजदूर  है  गाँव ;

पहली  बरसात  के  बाद  मिट्टी  की  खुशबु  है  गाँव ;
बसंत  के  आते  ही  कोयल  की  कुह  कुह  है  गाँव ;


गर्मी  की  रातों  में  तरबूज  और  दिन  में  खरबूज  है;
कच्ची  सड़के  है  पर  साफ  आकाश  है  गाँव ;

हरे  हरे  खेतों  में  फुला   हुआ  काश  है  गाँव ;
पथरीले  पर्वतों  पर  लाल  लाल  पलाश  है  गाँव ;



धरती  के  सारे  रंगों  की  कहानी  ;
जीवन  के  मूल्यों  की  रवानी  है  गाँव ;
 
बड़े  बड़े  न्यायालयों  से  आगे  चोपाल  है  गाँव ;
बुजुर्गो   की  इज्जत  और  मर्यादा  का  ख्याल  है  गाँव ;

  प्रकृति  की  गौद  में  खेलता  बचपन ;
  हुक्के  की  गुदगुदाहट  में  पचपन  है  गाँव  ;
 
  परंपरा  और  संसकृति   का  सार है  गाँव  ;
  सबका  पालन  करता  अन्नदाता है  गाँव ;

  दादी  नानी  की  कहानिया  , माँ  का  दुलार  है  गाँव ;
  गाँधी  के  सपनो  का  सार
  भगत  के  विचारो  का  आधार  है  गाँव ;

गायों  को  दुहता  ग्वाला  ,बंसी  बजाता  चरवाहा  है  गाँव ;
जरा  से  मैले  कपड़ो  में , मेहनती   मजबूत शरीर है  गाँव ;

किसान  के  दिल  में  फसलो  को  देखा  कर  उमड़ता  सा  प्यार
इश्वर  के  उपहारों  में  प्यारा  सा  उपहार  है  गाँव ;

जटिल  जिंदगी  की  थकावट  के  लिए  विश्राम  है  गाँव ;
लाल लाल पर्वतों पर फुला हुआ काश है गाँव .....

4 comments:

  1. so mastttttttt awsm .. no words to say

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  2. wah birla this is real beauty of village and realty of village
    thanks for creat correct defination of village jai hind.....

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  3. thanks hariom shah ji and vandevii both of u...

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  4. आजाद खयालों वाला लंगूर है गावं ------ अशोक भाई क्या कहू --बस एक बार मिलना चाहता हू आपसे --आपके ब्लाग के रूप में मुझे वो मिल गया जो में चाहता था --आपकी पोएट्री में दम है दोस्त. मुझे गाव की याद आ गई इस रविवार एक बार देखकर आउगा मेरे प्यारे गाव को --

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