dayra

Tuesday 6 September 2011

कुछ फूल :THE DEFENDER

बारिश  सर्दी  धुप  कभी ,
गर्मी  आंधी  भूख  कभी ;
काली  रातें   चुप  कभी ,
खुशिया  गम  और  दुःख  कभी ;


सीमाओ  की  रखवाली  पर ,
देश  की  खुशहाली  पर  ,
अरमान  कभी ;
और  जान  कभी;




मातृभूमि   के  चरणों  में  ,
कुछ  पुष्प चढाते   रहते  है !
रंगीन  कभी  संगीन  कभी;


आन  बचाने  की  खातिर,
सीनों  पर  गोली   खाते  है!
बन्दुक  से  निकले  आग  कभी;
एक  से  लड़ते  लाख  कभी;




जीत  कभी  और  हार  कभी;
बलिदान  कभी  सम्मान  कभी;
कभी  शहीद  कहलाते  है !


एक  बात  कभी  फरियाद  कभी,
विजय  का  उल्लास  कभी ;
फिर  जन्मभूमि  की  सेवा  में,
      आना वो  चाहते  है ..!



कभी  पिता  के  सिने  को,
गर्व  से  भर  जाते  है;
कभी  माँ  की  गोदी,
सुनी  कर  जाते  है!


आसमानों   से  उचे  ख्वाब  कभी ;
बलिदान  कभी  सम्मान  कभी ;
कभी  शहीद  कहलाते  है !


नन्हे  बेटे  की  आँखों  से ;
वो  विश्वविजय  बन  जाते  है !
इतिहास   कभी  विश्वास  कभी ;
फिर  ये  प्रकट  हो  जाते  है !



मातृभूमि  के  चरणों  में ;
कुछ  पुष्प  चढाते  रहते  है !


हमको  जीवन  जीना  सिखा  जाते  है ..............!!!


8 comments:

  1. good inspiring poem for patriotic pepole
    jai hind...........

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  2. wahh sir aap bahut hi sundar likhate hai padhkar ek nayaapan lagaa or bahut mazzaa aayaa .........aapko badhaai

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  3. thank all of u ...Hariom, Vandevii ,Shunil Bhai,& Bhoomika ji....thanks

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  4. waah kya baat hai muje inspire karne ke liye thank u dear

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  5. great thought yaar...... bahut inspiration or bahut kuchh sikhne ko milta hai apki poems se,,,,,

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  6. आसमानों से उचे ख्वाब कभी ;
    बलिदान कभी सम्मान कभी ;
    कभी शहीद कहलाते है !


    नन्हे बेटे की आँखों से ;
    वो विश्वविजय बन जाते है !
    इतिहास कभी विश्वास कभी ;
    फिर ये प्रकट हो जाते है !--सुंदर मार्मिकता

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