dayra

Sunday 21 August 2011

मिट्टी.....THE SOIL OF THE MOTHERLAND

मिट्टी ने खोजा , मिट्टी को पाया ,
मिट्टी मेरी जान है !
इस मिट्टी मे पैदा हुआ ,
सबकुछ मिट्टी पर कुर्बान है!
इस मिट्टी में पला बढ़ा और खेला ,
ये मिट्टी मेरी शान है!
इस मिट्टी पर अभिमान है!

मैं मिट्टी हूँ , मिट्टी मेरी,
मिट्टी की खातिर जीता हूँ !
भगवान है ये ईमान है मिट्टी,
मिट्टी का सजदा करता हूँ !
गुरुबानी गीता और कुरान ,
मिट्टी के गुण ही गाते है !
मिट्टी की पूजा करते है सब ,
इसका दिया ही खाते है!.......

काम आऊ इस मिट्टी के आवाज लगाये जब मिट्टी,
जान तो क्या इमां भी देंगे ,
आवाज लगाये जब मिट्टी,
जब मुझको पुकारे जब मिट्टी!.......

आन शान ईमान है मिट्टी ,
मिट्टी मेरी जान है!
मिट्टी की खातिर जीता हूँ !
मिट्टी मेरा अभिमान है!.....

मेरी मिट्टी से भी खुशबु,
 मिट्टी की आये बस ,
वक़्त पड़े तो काम आ जाऊ,
 उपकार घनेरे मिट्टी के !
मेरे शांझ सवेरे मिट्टी के!

गगरी मिट्टी, चूल्हा मिट्टी,
रोटी कपडा मकान है मिट्टी,
हल भी मिट्टी बैल भी  मिट्टी,
रायफल तीर तलवार है  मिट्टी,
जवान भी  मिट्टी, किसान भी  मिट्टी,

मंदिर  मिट्टी, मद्जित  मिट्टी,
इश्वर अल्लाह ,भगवन है  मिट्टी,
जन भी  मिट्टी, गन भी  मिट्टी,
जन्मा मरण जीवन है मिटटी ,!........

मिट्टी की पूजा करता हूँ !
मिट्टी की खातिर जीता हूँ !

मिट्टी मेरी शान  है!
मिट्टी मेरा अभिमान है!.....

8 comments:

  1. Nice Creation Birla Ji.
    Keep Writing!

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  2. its also good....
    cntry wants your's type people....
    keep it up

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  3. wah bhai mitti mit jati hai lekin vishwash amer hojata hai.?
    carry on.
    bhai

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  4. shashank bhai , anil & shailu, thanks doston.....

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  5. NICE POEM for dedicated to soil.........

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  6. ... बेहद प्रभावशाली अभिव्यक्ति है ।

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  7. आपके ब्लॉग पर पहली बार आये हैं सभी रचना देखि बहुत अच्छी लगी ..............

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  8. मंदिर मिट्टी, मद्जित मिट्टी,
    इश्वर अल्लाह ,भगवन है मिट्टी,
    जन भी मिट्टी, गन भी मिट्टी,
    जन्मा मरण जीवन है मिटटी ,!......

    Vah bhut hi sundar kalpana ke sath ak sundar abhivykti ....abhar .

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