इस मिट्टी मे पैदा हुआ ,
सबकुछ मिट्टी पर कुर्बान है!
इस मिट्टी में पला बढ़ा और खेला ,
ये मिट्टी मेरी शान है!
इस मिट्टी पर अभिमान है!
मिट्टी की खातिर जीता हूँ !
भगवान है ये ईमान है मिट्टी,
मिट्टी का सजदा करता हूँ !
गुरुबानी गीता और कुरान ,
मिट्टी के गुण ही गाते है !
मिट्टी की पूजा करते है सब ,
इसका दिया ही खाते है!.......
काम आऊ इस मिट्टी के आवाज लगाये जब मिट्टी,
जान तो क्या इमां भी देंगे ,
आवाज लगाये जब मिट्टी,
जब मुझको पुकारे जब मिट्टी!.......
आन शान ईमान है मिट्टी ,
मिट्टी मेरी जान है!
मिट्टी की खातिर जीता हूँ !
मिट्टी मेरा अभिमान है!.....
मेरी मिट्टी से भी खुशबु,
मिट्टी की आये बस ,
वक़्त पड़े तो काम आ जाऊ,
उपकार घनेरे मिट्टी के !
मेरे शांझ सवेरे मिट्टी के!
गगरी मिट्टी, चूल्हा मिट्टी,
रोटी कपडा मकान है मिट्टी,
हल भी मिट्टी बैल भी मिट्टी,
रायफल तीर तलवार है मिट्टी,
जवान भी मिट्टी, किसान भी मिट्टी,
मंदिर मिट्टी, मद्जित मिट्टी,
इश्वर अल्लाह ,भगवन है मिट्टी,
जन भी मिट्टी, गन भी मिट्टी,
जन्मा मरण जीवन है मिटटी ,!........
मिट्टी की पूजा करता हूँ !
मिट्टी की खातिर जीता हूँ !
मिट्टी मेरी शान है!
मिट्टी मेरा अभिमान है!.....
मिट्टी की पूजा करता हूँ !
मिट्टी की खातिर जीता हूँ !
Nice Creation Birla Ji.
ReplyDeleteKeep Writing!
its also good....
ReplyDeletecntry wants your's type people....
keep it up
wah bhai mitti mit jati hai lekin vishwash amer hojata hai.?
ReplyDeletecarry on.
bhai
shashank bhai , anil & shailu, thanks doston.....
ReplyDeleteNICE POEM for dedicated to soil.........
ReplyDelete... बेहद प्रभावशाली अभिव्यक्ति है ।
ReplyDeleteआपके ब्लॉग पर पहली बार आये हैं सभी रचना देखि बहुत अच्छी लगी ..............
ReplyDeleteमंदिर मिट्टी, मद्जित मिट्टी,
ReplyDeleteइश्वर अल्लाह ,भगवन है मिट्टी,
जन भी मिट्टी, गन भी मिट्टी,
जन्मा मरण जीवन है मिटटी ,!......
Vah bhut hi sundar kalpana ke sath ak sundar abhivykti ....abhar .